दिव्यांग के साथ बस कंडक्टर ने की बदसलूकी, पास होने के बाद भी बस से नीचे उतारा
घटना की बस अड्डे पर मौजूद लोगों ने की कड़ी निंदा
- बार बार बस कंडक्टर की ऐसी हरकत से परेशान पीड़ित दिव्यांग ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
मसूरी। मसूरी से देहरादून जाने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम की बस से एक दिव्यांग को बस के कंडेक्टर ने पास होने के बावजूद बस से उतार दिया गया। इस घटना की बस अड्डे पर मौजूद लोगों ने कड़ी निंदा की है।
दरअसल गुरुवार शाम 7 बजे मैसोनिक लॉज बस अड्डे पर मसूरी से देहरादून जाने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम की बस संख्या यूके 07पीए 3166 में एक दिव्यांग गणेश बस को बस में यात्रा करने से कंडक्टर द्वारा रोक दिया गया और उसे बस से उतार दिया। हालाँकि दिव्यांग बार बार कंडेक्टर को पास दिखाता रहा, लेकिन बेरहम बस के कंडेक्टर ने उसकी एक नहीं सुनी व उसे बस से उतार दिया, जबकि उसे देहरादून जाना था, जो वहां मौजूद लोगों को नागवार गुजरा। लोगों ने भी बस कंडक्टर को दिव्यांग को यात्रा करने देने के लिए कहा, लेकिन उसने किसी की नही सुनी। कंडक्टर ने कहा कि उसकी मर्जी है वह इसे बस में बिठाए या न बिठाए। लोगों ने दिव्यांग के साथ ऐसा व्यवहार किये जाने की निंदा की व कहा कि सरकार या तो ऐसे कर्मचारियों को हटाये या फिर पास देने का दिखावा बंद करे। जरा सोचे पूरी तरह से विकलांग व्यक्ति, जो कि सरकार के पास के भरोसे यात्रा कर रहा था, वह अपने गंतव्य को किस तरह पहुंचा होगा या फिर कडाके की ठण्ड में बस अड्डे पर ही रात गुजारनी पड़ी होगी।
बता दें सरकार की ओर से दिव्यागो]को बस में निशुल्क यात्रा करने के लिए पास जारी किया जाता है। विकलांग गणेश के दोनों पैर काम नहीं करते हैं और उसके पास समाज कल्याण विभाग से जारी परिचयपत्र था, जिसमें उसे शत प्रतिशत दिव्यागं बताया गया था। विकलांग गणेश ने बताया कि यही कंडक्टर उसे बस में यात्रा नही करने देता है और हमेशा उसे बस से उतार देता है. जबकि वह पास को दिखाकर दूसरी बसों में भी यात्रा करते हैं। दिव्यांग ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत समाज कल्याण विभाग में भी की थी ,लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। अब दिव्यांग ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से गुजारिश की है कि इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करे, ताकि उसके साथ बार बार ऐसा न हो।