दुकानदारों को तीन साल से आवंटित नही हो पाई दुकाने, अब नए पालिकाध्यक्ष पर टिकी आस
पालिका जल्दी ही एमडीडीए से दुकाने वापस लेगी व दुकानदारों को आवंटित करेगी: अनुज गुप्ता
- नए पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता से दुकानदारों को दिखने लगी है एक आशा की किरण
- तीन साल बीतने के बाद भी दुकाने आंवटित करना तो दूर, सौदर्यीकरण का कार्य भी पड़ा है अधूरा
- परिवार का भरण पोषण करने के लिए दुकानदारों को करना पड़ रहा भारी परेशानी का सामना
मसूरी। नगर पालिका द्वारा तीन साल पहले शहीद स्थल के सौदर्यीकरण के लिए झूलाघर पर स्थित दो दर्जन दुकाने तोड़ दी गई थी, लेकिन तीन साल बीतने पर भी दुकाने नहीं बनने से बेजगार हुए दुकानदारों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। हालाँकि अब नए पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता से दुकानदारों को एक आशा की किरण दिखाई देने लगी है, और उन्हें उम्मीद है कि अब दुकानों का आवंटन जल्दी हो सकेगा और फिर से वे अपने परिवारों का भरण पोषण ठीक से कर सकेंगे। पालिकाध्यक्ष ने भी दुकानदारों को इसका भरोसा दिया है।
मालूम हो कि नगर पालिका ने झूलाघर पर सौदर्यीकरण के लिए वहां दुकान लगाकर अपने परिवारों का लालन पालन करने वाले करीब दो दर्जन दुकानदारों को इस भरोसे के साथ हटाया था, कि छह माह में दुकाने बनाकर उन्हें आवंटित कर दी जायेगी। उस समय दुकानदारों ने विरोध भी किया था,उन्हें शंका थी कि यह सरकारी कार्य है और इसमें समय लगेगा। हालाँकि बाद में अच्छे की आशा से उन्होंने अपना विरोध बंद कर दिया व दुकाने खाली कर दी। जिसके बाद पालिका ने सौदर्यीकरण के लिए एमडीडीए को उक्त स्थल सौंप दिया। बहरहाल आज तीन साल बीतने के बाद भी दुकाने आंवटित करना तो दूर, उक्त स्थल के सौदर्यीकरण का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है, जिस कारण दुकानदारों में लगातार आक्रोश पनप रहा है।
स्थानीय दुकानदारों ने कहा है कि उन्हें पालिका सड़क पर ले आयी है, वह नहीं चाहते थे कि मालरोड पर दुकानें लगाये, लेकिन आज तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया। हालाँकि नगर पालिका चुनावों से पूर्व तत्कालीन पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिह मल्ल ने एमडीडीए से दुकाने हैंडओवर लिए बिना ही आवंटित कर दी थी, जिस पर एमडीडीए ने विरोध किया था और तब से दुकाने आज तक आवंटित नहीं हो पाई। इतना ही नही जितने लोग वहां पर बैठते थे, उस हिसाब से भी दुकाने पूरी नहीं बनी, जिसके कारण उन व्यवसायियों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि उन्हें अभी तक दुकाने बना कर नहीं दी गई।
अब नवनिर्वाचित पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने दुकानदारों को भरोसा दिलाया है कि वह इस दिशा में जल्दी से जल्दी ठोस कदम उठायेंगे व इन दुकानों को एमडीडीए से वापस लेंने के बाद खुद बनाकर उन व्यवसायियों को दुकाने सौंप देगें, जो यहां बैठते थे। अब देखना होगा कि पालिका के नये अध्यक्ष इन दुकानदारों के भरोसे पर कब तक खरा उतरते हैं। हालाँकि उम्मीद है कि पालिकाध्यक्ष को इन दुकानदारों की फ़िक्र है और वे शीघ्र ही उन्हें यथाशीघ्र दुकानो को बनवाकर जल्दी ही उन्हें आवंटित कर देंगे और एक बार फिर से इनके परिवारों का भरण पोषण सुचारू रूप से होने लगेगा।