पूर्व सीएम हरीश रावत जब अचानक तलने लगे पूरियां, हर कोई रह गया दंग
मोदी राज में बेरोजगारी बढ़ी है, किसान परेशान है, आम लोगों को कोई राहत नहीं: हरीश रावत
हरिद्वार: झबरेड़ा से शुरू होकर हरिद्वार हरकी पैड़ी पहुंची गंगा-गन्ना यात्रा के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सीएम हरीश रावत का अलग ही अंदाज देखने को मिला। दरअसल गंगा-गन्ना यात्रा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री को कांग्रेसी कार्यकर्ता हरकी पैड़ी के पास पूरी की एक दुकान पर ले गए। जहां सभी लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। दुकान पर पहुंचते ही पूर्व सीएम हरीश रावत अचानक पूरियां तलने लगे। जिसे देखकर सब हैरान रह गए । इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जमकर पूरियों का लुत्फ उठाया।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने हरिद्वार में गंगा-गन्ना यात्रा निकालकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों के साथ केवल छल करने का काम किया है, ना तो किसानों की आय दोगुना हुई है और ना ही किसान कर्ज मुक्त। उल्टे किसान कर्ज के बोझ तले दबकर आए दिन हत्या आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार केंद्र में आएगी तो तब छत्तीसगढ़ राजस्थान मध्य प्रदेश की तर्ज पर किसानों को कर्ज मुक्त किया जाएगा। कहा कि मोदी राज में बेरोजगारी बढ़ी है, किसान परेशान है, आम लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है। लिहाजा ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार चलाने के लिए 56 इंच का सीना नहीं बल्कि एक अच्छे दिल की जरूरत होती है, जो लोगों की समस्याओं को समझकर उनका समाधान कर सके। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने 50 लाख पद समाप्त कर रोजगार के अवसर खत्म कर दिए हैं। देश में 26 लाख पद खाली पड़े हैं, बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि न तो भाजपा सरकार को न गंगा की चिंता है और न गन्ना किसानों की। हरीश रावत ने कहा कि भाजपा की नमामि गंगा योजना केवल कागजों में चल रही है। हजारों करोड़ रुपए की बंदरबांट की जा रही है। गंगा की सफाई और स्वच्छता के लिए योजना से कोई काम नहीं हो रहा है। लेकिन केंद्र में कांग्रेस सरकार बनते ही गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए उसी तर्ज पर फिर से कार्य किया जाएगा, जिस प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार ने किया था। जिससे गंगा अविरल और निर्मल होकर बह सके।