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आग लगने से नेपाली मजदूरों की 5 झोपड़ियाँ हुई राख, कुछ बचा तो तन पर पहने कपडे
दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पाया आग पर काबू
मसूरी। नेपाली बस्ती में अचानक आग लगने से पांच नेपाली मजदूरों की झोपड़ियां जलने के साथ ही का सारा सामान भी जलकर राख हो गया। वहीं आग में झुलसने से एक नेपाली महिला भी हो गई, जिसे प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया है। आग लगने की सूचना पर अग्निशमन विभाग व पुलिस मौके पर पहुंची व स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया जा सका। सबकुछ जलकर ख़ाक हो जाने के बाद अब मजदूरों के पास कुछ बचा है, तो केवल बदन पर पहने कपड़े।
मसूरी देहरादून मार्ग पर स्थित धोबीघाट के निकट नेपाली बस्ती में अचानक आग लग गई। जब तक घटना का पता लगा तब तक सबकुछ स्वाहा हो चूका था। वहीं आग लगने के कारणों का पता नहीं लग सका। जानकरी के मुताबिक आग अपराहन तीन बजे के करीब एक झोपड़ी में लगी और जानकारी होने से पहले ही नेपाली मजदूरों की पांच झोपड़ियां ख़ाक हो गयी। सूचना मिलने पर पहुँच फायर सर्विस, स्थानीय लोगों व पुलिस ने करीब दो घंटे की कड़ी मशक्क्त के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन इससे पहले घर में रखा पूरा सामान जल कर राख हो गया। आग में जलने से घर में रखी नकदी व राशन आदि भी जल गया। मजदूरों के पास अब केवल जो कपड़े पहने थे वही बचे हैं।
बताया जा रहा है कि मजदूर काम पर गये थे व घर में बच्चे थे, जो बाहर खेल रहे थे। इस बीच अचानक आग लग गई। गनीमत रही कि उस वक्त झोपड़ियों में कोई मौजूद नही था। आग की सूचना मिलतेे ही झोपड़ी में रहने वाली कल्पना 23 वर्ष पत्नी पदम बहादुर को जब पता चला, तो वह आग बुझाने के लिए वहा आ पहुंची और आग में कूद गई, जिसमे वह बुरी तरह झुलस गई। महिला को 108 से अस्पताल लाया गया।
फायर प्रभारी अधिकारी इंस्पेक्टर बृजमोहन नौटियाल ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है, आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। उन्होंने बताया कि आग लगने से पांच परिवार बेघर हो गये हैं, जिसमें पदम बहादुर, रतीराम व भगत सिंह आदि के परिवार हैं।