जगह जगह हो रही सट्टे की बुंकिंग,सट्टे में युवा बर्बाद कई परिवार बिखरने की कगार पर
नरेंद्र दीक्षित

जगह जगह हो रही सट्टे की बुंकिंग,सट्टे में युवा बर्बाद कई परिवार बिखरने की कगार पर
बड़ामलहरा
नगर में इन दिनों हर तरफ सट्टा बाजार की धूम मची हुई है ,नगर अब सट्टे का सबसे बड़ा गढ़ बन गया है। यहां के सटोरिये सीधे महानगरों के सम्पर्क में होकर प्रतिदिन मधु, मिलन, कल्याण के भाव लेकर दांव लगा रहे है तो तीन पत्ती इक्का, दुर्री तीया दस अंकों का अलग ही खेल चल रहा है। मिलीभगत से चल रहे सट्टे के इस खेल को सटोरियों ने आसपास के गांव में फैलाने के साथ ही युवाओं को बिगाड़ कर रख दिया। प्रतिदिन लाखों के दांव लगने से कई ग्रामीण व युवा कर्जे में डूबने के साथ ही नशे की लत में भी आ गए। सटोरिये सुबह 9 से रात 10 बजे तक महानगरो से भाव लेकर मोबाइल पर गलियों व दुकानों पर जाकर दांव लगाते है तो दिनभर के अंक की जानकारी व ऑनलाइन ही उपलब्ध करवा देते है। पुलिस इन मटको के संचालको पर छोटी मोटी कार्यवाही कर इति श्री कर लेती है लेकिन वृहद स्तर पर फैले इस धंधे पर उनका कोई अंकुश नहीं है। नगर में सटोरियों के द्वारा घुवारा तिराहा,बस स्टैंड के पीछे ,और गंज तिराहे में इनका प्रमुख केंद्र बना हुआ है,सुबह नौ बजे दुकान खुलने से 12 बजे तक यह खेल चलता है।
यूं लगता है पैसा
पर्ची पर अंक व अनकी जोड़ पर पैसा लगता है। उदाहरण एक से दस के अंकों के बीच कोई भी तीन अंक खुलते है। जैसे 1, 3,6 बराबर 0 इन तीन अंकों में कुछ लोग प्रत्येक अंक पर पैसा लगाते है तो कुल जोड़ पर एक अंक पर 150 व कुल जोड़ पर एक रुपए पर दस रुपए मिलता है। इसके अलावा डबल अंक जैसे 3, 3, 2 खुला तो एक अंक पर तीन सौ रुपए मिलता है।
अपराध व नशेड़ी बढ़ गए
सट्टे के इस खेल के चलते कस्बे व आसपास के गांव में युवा व ग्रामीण कर्जे में डूब गए तो कई नशे के आदी हो गए। इतना ही पारिवारिक झगड़ों में इस खेल की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आ रही है।